Sunday 19 November 2017

'गॉड इज़ डेड' का मंचन

स्थानीय प्रेमचंद रंगशाला में अनु आनंद इंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित चार दिवसीय नाट्योत्सव का समापन साई प्रोडक्शन, मुम्बई के नाटक गॉड इस डेड के साथ हुआ। इसका निर्देशन नवजोत सिंह ने किया। नाटक आत्म हत्या जैसे गंभीर विषय पर जीवन के कई पहलू को छूता हुआ जवाब देता है। जो आदमी अस्तित्व के साथ अपने गहरे सम्बन्ध के बारे में जानता है, वह अस्तित्व के खिलाफ, जीवन के खिलाफ,स्वयं के खिलाफ,कुछ भी बुरा या गलत नही कर सकता।  मुख्य पात्र माधव काका जो कि एक सिक्युरिटी गार्ड हैं को कृष्ण के प्रतिबिम्ब के रूप प्रस्तुत किया गया है। जो घटना क्रम में आत्महत्या करनेवालों को बचाते और खुद को उसकी जगह आत्महत्या करते हैं। अश्वथामा का ब्रम्हास्त्र चलाना और गांधारी के कृष्ण को शाप के बहाने दिखाया गया कि महाभारत के युद्व से आजतक सभी मरने वालों में ईश्वर स्वयं हैं। भाग लेनेवाले कलाकारों में कुलविन्दर बक्शीश, विजय कुमार,महक जैन,तनाशा,तनिष्क सिंह, रोहित सोनी,दीपक समलकर, सागर कुमार,रूबल बैनीवाल,आसिम अहमद,निखिल पूरी,एहमर,आशीष ,शशांक चतुर्वेदी थे। इस गंभीर नाटक के दौरान दर्शकों का बेवजह ताली बजाना नाटक की गम्भीरता को खत्म कर रहा था।  आयोजक के ढीलेपन की अव्यवस्था पूरे आयोजन में साफ नजर आ रही थी। जमीनी स्तर पर भी काम करने की आवश्यकता है। संस्थान के अध्यक्ष बिमल कुमार ने सभी निर्देशक को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया। वही सचिव मणिकांत चौधरी ने अगले वर्ष पुनः आयोजन करने की बात कही। संयोजक शैलेश जामियार ने दर्शकों और भाग लेनेवाले कलाकारों का धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच नाटक से पूर्व रंगशाला परिसर में शारदा सिन्हा के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक औरत का मंचन किया भाग लेनेवाले कलाकारों में रूबी खातून, बिनीता सिंह,शुभागी सिंह,ऋषिकेश झा,राजीव राय, सौरभ कुमार,और शैलेश कुमार थे। मंच संचालन शिल्पी शालिनी ने किया।
 राजन कुमार सिंह

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