Saturday 28 October 2017

मुख्य पेज पर नाटक समीक्षाओं की सूची (Index of drama reviews on the Main page)

Note- This list is incomplete. Actually, there are more drama-reviews there.
नोट - यह सूची अधूरी है. इससे ज्यादा Drama-review के लिए बिहारी धमाका के Main page पर दिये गए Search box में नाटक / निर्देशक या कलाकार का नाम टाइप कीजिए.

मिथिलेश कुमार सिंह द्वारा निर्देशित नाटक 'मज़हबी' का मंचन 13.11.2017 को संपन्न 

https://biharidhamaka.blogspot.in/2017/11/13112017.html

'Aakaar' staged the play'Ya Devi Sarv Bhuteshu' in Patna on 15.10.2017

 http://biharidhamaka.blogspot.in/2017/10/aakaar-staged-playya-devi-sarv-bhuteshu.html



Mithilangan, Delhi staged 'Raja Salahes' successfully on 9.9.2017 

मंच द्वारा मगही नाटक 'चंडी का वशीकरण' की सफल प्रस्तुति पटना में  (link below)

http://biharidhamaka.blogspot.in/2017/09/blog-post_10.html

आयकर मंडली द्वारा 'पप्पू पास हो गया' नाटक का मंचन 15 अगस्त को पटना में सफलतापूर्वक संपन्न  (link below)

आयकर मंडली द्वारा 'पप्पू पास हो गया' नाटक का मंचन ...


(link below)



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Thursday 5 October 2017

बिहार के सभी विद्यालयों में हो नाटक की पढ़ाई!

पटना में रंग सत्याग्रह का चौथा दिन


स्थानीय प्रेमचंद रंगशाला परिसर में चल रहे रंगकर्मियों के सत्याग्रह के चौथे दिन भी आंदोलन को भरपूर समर्थन मिला।  सत्याग्रह के तीनों मांगो को लेकर बिहार के अन्य जिलों से कलाकारों का सक्रिय सहयोग के संदेश आ रहें हैं। वो अपनी प्रस्तुति लेकर पटना पहुंचेंगे। मांगो में बिहार के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के नाट्य शिक्षकों की नियुक्ति हो।नाट्य विद्यालय की स्थापना हो आदि शामिल हैं। वक्ता प्रो0 जावेद अख़्तर खां ने संबोधित करते हुए कहा कलाकार देश और भाषा की  सीमाओं से परे होते हैं। कलाकारों को सुविधाएं मिलनी ही चाहिए,क्योंकि वो अपने कला के माध्यम से सभ्यता और संस्कृति को जीवित रखने हैं। विश्वविद्यालयों में नाट्यशास्त्र की पढ़ाई होनी ही चाहिए। सत्याग्रह की मांगे जायज़ और ज़रूरी है। एक नौजवान जो कला के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहता है, उनको जीवनयापन का साधन भी इसी क्षेत्र में मिलना चाहिए। नाटक एक दूसरे के साथ रहना भरोसा करना और अनुशासन भी सिखाता है। महात्मा गांधी के सत्याग्रह को स्वक्षाग्रह में बदलने की साजिश चल रही है, इसे समझने की ज़रूरत है। हमारी मांगे तो बेशक सरकार से है लेकिन इसको जनता से जोड़ने की ज़रूरत है। क्योंकि जब जनता से आवाज उठने लगी तो मांगो के पूरे होने में ज्यादा देर नही लगेगी

 इसके बाद हिरावल,पटना द्वारा जनगीतों की प्रस्तुति की गई। भाग लेनेवाले कलाकारों में संतोष झा,समता राय, सुमन कुमार,रामकुमार, राजन,अन्नू कुमारी, जहाँगीर,राहुल कुमार रवि, रोहित चंद्रा,राहुल कुमार राज, वसुधा कुमारी ,मुन्नी कुमारी,कुणाल कुमार, उत्तम कुमार, दीपक पंडित,सूरज कुमार, राहुल राजदान,रवि वर्मा, रमेश कुमार रघु,अंकेश राज, रोहित कुमार ,मृत्युंजय कुमार, आदित्य कुमार, पवन कुमार ,राजू, सनी राज,विशाल कुमार गुप्ता, विजय आनंद ,अविनाश कुमार। नाल सुधांशु आनंद, इफेक्ट अभिषेक राज,अंजनी अभिषेक आनंद थे।

 इसके बाद ग्रीन रूम, जहानाबाद द्वारा रजनीकांत पाण्डेय के निर्देशन में नाटक 'फंस गया बुधिया चक्कर में' का मंचन किया गया। भाग लेनेवाले कलाकारों में आज़ाद शक्ति,ओम कपूर,सुभाष चंद्रा,रजनीकांत, माधुरी शर्मा, दिलीप कुमार पाण्डेय, हर्ष आज़ाद थे। संगीत रवि मिश्रा का था। मंच संचालन रवि कांत सिंह ने किया। आयोजक समीर कुमार एवं रौशन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

आज वक्ता के रूप में देश के ख्याति प्राप्त लब्धप्रतिष्ठ निर्देशक परवेज़ अख़्तर एवं श्री क्षितिज प्रकाश होंगे और वैशाली कला जत्था द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति होगी एवं इप्टा,पटना द्वारा नाटक खुदा हाफिज का मंचन होगा।
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(- राजन कुमार द्वारा प्रेषित)
राजन कुमार सिंह बिहार के एक स्थापित रंग निर्देशक और रंग संगठनकर्ता हैं.