Sunday 19 November 2017

'आधे पूरे अर्धनारीश्वर' का मंचन

स्थानीय प्रेमचंद रंगशाला में अनु आनंद फाउंडेशन द्वारा चार दिवसीय नाट्य उत्सव के तीसरे दिन अनवरत थियेटर फाउंडेशन,मुंबई ने कुलविंदर बख्शीश द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक आधे पूरे अर्धनारीश्वर का मंचन किया। इस नाटक में पिरोई हुई प्रेम कहानी के सूत्रधार नायक के गुरु हैं। एक रंगकर्मी और एक लड़की की असाधारण प्रेम कहानी है। महादेव शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की है और आधी स्त्री की। ये एक अनोखी घटना है। जीवन का परम रहस्य है अर्धनारीश्वर। आपका आधा व्यक्तित्व आधी ऊर्जा स्त्री है और आधी पुरुष। ये धारणा पचास हजार साल पहले योगियों द्वारा शंकर की प्रतिमा में स्थापित कर दी गई थी। जब योगी भीतर लीन होता है तब अनुभव करता है कि मैं भीतर दो हूँ। स्त्री चेतन तो पुरुष अवचेतन। हम बाहर तो खोज रहे हैं पर भीतर की स्त्री हमें पता नहीं और वह बाहर खोज रही है अंदर के पुरुष का पता नहीं। हमने स्वयं को अस्तित्व से काट कर अलग कर लिया। नाटक प्रेम का मूल अर्थ समझाता है। यह नाटक स्त्री और पुरुष दोनों के प्रेम को मंच पर दिखाने के साथ-साथ गुरु को भी शिक्षा का स्रोत साबित करने में सफल रहा । भाग लेनेवाले कलाकारों में कुलविन्दर बख्शीश, विजय कुमार,महक जैन, तनाशा, तनिष्क सिंह, रोहित सोनी,दीपक झमलकर, सागर कुमार, रूबल बेनीवाल,असिम अहमद, निखिल पूरी आशीष कुमार,शशांक चतुर्वेदी, दिव्या और चांदनी थे।
     रंगशाला के परिसर में माध्यम फाउंडेशन ने धर्मेश मेहता के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक कफन के बाद का मंचन किया। भाग लेने वाले कलाकारों में शैलेंद्र कुमार,धर्मेश मेहता, राकेश कुमार, मिथिलेश सिन्हा, दीपक कुमार, मीना गुप्ता,अजय कुमार,अभिनव कुमार, कंचन वर्मा, दीपक कुमार थे। दूसरा नाटक रंग समूह,पटना द्वारा सिक्योरिटी गार्ड की बहाली उदय कुमार सिंह के निर्देशन में किया गया।
   राजन कुमार सिंह

No comments:

Post a Comment