Monday 26 March 2018

नुपूर चक्रवर्ती निर्देशित 'सुभागी' का मंचन -26.3.2018 को पटना में सम्पन्न

बाल विवाह के दंश को झेलकर भी सुभागी ने बेटे से बेहतर निकली सुभागी


संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से रंगमार्च पटना के कलाकारों द्वारा नूपुर चक्रबर्ती के निर्देशन में प्रेमचंद की कहानी 'सुभागी' का मंचन कालिदास रंगालय में किया गया। प्रेमचंद की कहानी का नाट्य-रूपांतरण मृत्युंजय शर्मा ने किया। कहानी की मुख्य पात्र सुभागी का बाल विवाह बचपन में ही हो गई है। एक दिन उसका गौना होने वाला है और खबर आती है कि उसके पति की मृत्यु हो गई है। परिवार में उसके पिता तुलसी महतो, माँ लक्ष्मी, भाई रामू, भाभी कुमुद सहित पड़ोसी हरिहर और उसकी पत्नी दुखिया सभी दुखी हैं। कुछ वक़्त बीतने पर सुभागी का भाई रामू उससे चिढ़ता रहता है। रोज़ के किच-किच से ऊब कर पंचों को बुलाकर तुलसी महतो बंटवारा करवा लेता है। 

सुभागी अपने बंटे हिस्से में अपने माँ बाप की सेवा करके खुशी-खुशी रहने लगती है। एक दिन उसके पिता और फिर माँ बीमारी से दम तोड़ देते हैं। सजन सिंह जो कि तुलसी महतो के मित्र हैं, इस परिवार का ख्याल रखते हैं। उनकी मदद से सारा श्राद्ध कर्म सुभागी अकेले करती है, रामू मुखाग्नि देने भी नही आता। अब सुभागी का एकमात्र उद्देश्य है कि वो श्राद्ध कर्म में हुए खर्च सजन सिंह को चुकाना। उधर सजन सिंह का बेटा जो कि फ़ोर्स में है, छुट्टी लेकर घर आया है। सुभागी कर्ज़ के पैसे चुकाने सजन सिंह के पास आती है, तो सूरज उससे मिलता है। इधर सुभागी सारा जमीन और बंटा घर रामू को सौंप देती है। अंततः सूरज फैसला करता है कि वो सुभागी से शादी करेगा। सजन सिंह भी ना-नुकुर के बाद सुभागी को अपना बहू बना लेते हैं। 

प्रेमचंद की कहानी को नूपुर चक्रबर्ती ने बेहद मार्मिक ढंग से मंच ओर कही है। यह कहानी बाल-विवाह, जाती प्रथा और विधवा विवाह पर बात करने में सक्षम है। ग्रामीण परिवेश को दिखाने में कलाकार बेहद कामयाब हैं। 
मंच पर सुभागी के रूप में नूपुर चक्रबर्ती ने प्रभावी काम किया है। अन्य कलाकारों में विक्की राजवीर, सरिता शर्मा, राज पटेल, अंशु प्रिया, सरबिंद कुमार, वैशाली कुमारी, गौतम कुमार, राहुल राज, सृष्टि शर्मा, मृत्युंजय शर्मा, रौशन कुमार केशरी, प्रज्ञानशू शेखर, नीतीश प्रियदर्शी एवं रौशन कुमार राज ने विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन किया।

नेपथ्य के कलाकारों में
मंच परिकल्पना-प्रदीप गांगुली, प्रकाश परिकल्पना-राजन कुमार सिंह, नाल - हीरालाल राय, वस्त्र एवं परिधान सरिता शर्मा, रूप सज्जा प्रज्ञानशू शेखर ने किया है। प्रस्तुति नियंत्रक-यूरेका किम, प्रेक्षागृह प्रभारी-अरुण कुमार श्रीवास्तव, उदघोषणा समीर रंजन, फोटोग्राफी राहुल सिंह, वीडियोग्राफी एजाज हुसैन ने किया। मंच सामग्री नीतीश परिदर्शी, प्रज्ञानशू, अभिषेक पांडेय, पंकज आदि।
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आलेख- संजय कुमार
छायाचित्र सौजन्य - नाट्य दल












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