दिनांक 18 जनवरी को कालिदास रंगालय में "लोक पंच" की प्रस्तुति "नाटय शिक्षक की बहाली"
नाटक में रंगकर्मियों के जीवन पर आधारित समस्याएं, सरकार के तरफ से उदासीपन . . . .
इस नाटक की शुरुआत एक हास्य दृश्य से होता है, इसमें कुछ अभिनेता नाटक के एक दृश्य का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं, बार-बार कोशिश करने पर भी दृश्य तैयार नहीं हो पाता है, इस दृश्य के माध्यम से दर्शकों को सहज ही पता चल जाता है कि एक निर्देशक को नाटक तैयार करने में कलाकारों के साथ कितनी मेहनत करनी पड़ती है l
नाटक में रंगकर्मियों के व्यक्तिगत जीवन के संघर्ष की अलग अलग कहानीयों को दिखाय गया है। जिसमें एक रंगकर्मी के जीवन के उस पहलू को उकेरा गया है जहाँ वो पढ़ाई के बाद भी अपने परिवार और समाज में उपेक्षित है, उन्हें स्कूल, कॉलेज में एक अदद नाट्य शिक्षक की नौकरी भी नहीं मिल सकती क्यूँ की हमारे यहां नाटक के शिक्षकों की बहाली का कोई नियम नहीं है, इस मुखर सवाल पर आकार नाटक दर्शकों के लिए रंगकर्मियों के जीवन संघर्ष से जुड़ा निम्न सवाल भी छोड़ जाता है।
नाटक खत्म होने के बाद दर्शक तालियां बजाते हैं, स्मृति चिन्ह देकर व ताली बजाकर दर्शक उन्हें सम्मानित करते हैंl
यही रंगकर्मी जब अपने घर पहुंचते हैं तो घर में इन से बेहूदा किस्म के प्रश्न पूछे जाते हैं।
क्या कर रहे हो ? नाटक करने से क्या होगा ? लोग तुम्हें लौंडा कहते हैं। नाचने वाला कहते हैं, यह सब करने से रोजी-रोटी नहीं चलेगा, कोई अच्छी घर की लड़की का हाथ तक नहीं मिलेगा।
इस तरह के अनगिनत ताने सुनने पड़ते हैं फिर भी रंगकर्मी यह सब सहने के बावजूद रंगकर्म करते रहते हैं।
नाटक के माध्यम से रंगकर्मी सरकार से मांग करते हैं की स्कूल और कालेजों में नाट्य शिक्षक की बहाली हो।
सरकार रंगकर्मियों को नौकरी दे, उन्हें रोजगार दे तभी वे भी खुलकर समाज का साथ दे सकते हैं l
नाटक के अंत में रंगकर्मी अपने हक के लिए अपनी आजादी के लिए आवाज उठाते हैं और प्रेक्षागृह में बैठे दर्शकों एवं रंगकर्मियों को मंच पर बुलाते हैं और अपने आंदोलन के साथ नाटक की समाप्ति करते हैं।
पात्र परिचय:
सूत्रधार :- मनीष महिवाल
अन्य कलाकार :
मॉडल समीर
प्रभात कुमार
दीपा दिक्षित
रजनीश पांडे
रोबन कुमार
रौशन कुमार
अमन आयुष्मान
जितेंद्र राज
आशुतोष कुमार
हीरालाल रॉय
कृष्णा सिंह
सम्राट उपाध्याय
मंच निर्माण: मॉडल समीर एवं प्रभात
प्रॉपर्टी: दीपा दीक्षित
कॉस्टयूम : रौशन
प्रकाश परिकल्पना: अभिषेक एलेक्स
प्रस्तुति नियंत्रक: राम कुमार सिंह
प्रेक्षागृह प्रभारी : संजय सिन्हा
लेखक एवं निर्देशक: मनीष महिवाल
संस्था - लोक पंच, पटना
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प्रस्तुति- लोक पंच
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