Sunday 28 April 2019

खार (मुम्बई) में "आधे अधूरे" नाटक के 25वें मंचन पर केक कटा

आधे अधूरे - एक मकान जो घर नहीं है
(नोट- नाटक की अंग्रेजी में विस्तृत सचित्र समीक्षा  कल तक मेन पेज पर प्रकाशित होगी)



खार (मुम्बई) के जेफ्फ गोल्डबर्ग स्टुडियो द्वारा मोहन राकेश के प्रसिद्ध नाटक "आधे अधूरे" के 25वें मंचन के अवसर पर दिनांक 28.4.2019  को अपने प्रेक्षागृह में केक काटकर उत्सव मनाया गया. जेफ्फ गोल्डबर्ग स्वयं इस अवसर पर मौजूद थे और साथ में नाटक के निर्देशक अशोक पांडेय के अलावे कलाकार कोमल छबड़िया, उर्वशी कोतवाल, करन लाल, अफसान खान, अर्जुन तनवर के साथ-साथ नाटक की पूर्व प्रस्तुतियों में भूमिका निभानेवाले कुछ कलाकार भी उपस्थित थे. दर्शकों ने जोरदार करतल ध्वनि से इसका स्वागत किया.

जेफ्फ गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें हिंदी नहीं आती मगर उन्होंने इस नाटक के बारे में सुना है आज के परिवार की सच्चाई को दिखानेवाला यह एक विलक्षण नाटक है. इसलिए इसके निर्माण के प्रस्ताव को उन्होंने झट से स्वीकृति दे दी. निर्देशक अशोक पांडेय ने यह भी बताया कि इस नाटक का अगला मंचन एनसीपीए प्रेक्षागृह  में किया जाएगा.

नाटक "आधे अधूरे" एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी है जिसमें एक मकान में कुछ लोग  मम्मी, डैडी, दीदी, भाई और बहन की शक्ल में रह रहे हैं पर परिवार जैसा कुछ नहीं है. सभी अपनी अपनी मनमानी कर रहे हैं. कोई किसी की सुन नहीं रहा. न किसी को किसी से प्रेम है न सहानुभूति. यहाँ तक कि किसी को साथ रहने की इच्छा भी नहीं है फिर भी साथ रह रहे हैं.
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आलेख - बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
छायाचित्र - बेजोड़ इंडिया
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com




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